अब जमीन रजिस्ट्री के लिए लगेंगे 5 जरूरी दस्तावेज Land Registry Documents

भारत में ज़मीन रजिस्ट्रेशन एक महत्वपूर्ण कानूनी प्रक्रिया है, जो संपत्ति के मालिकाना हक को स्थापित करती है। यह प्रक्रिया न केवल संपत्ति के वैधता को प्रमाणित करती है, बल्कि भविष्य में होने वाले विवादों से भी बचाती है। इस आर्टिकल में, हम ज़मीन रजिस्ट्रेशन से संबंधित आवश्यक Land Registry Documents , प्रक्रिया, और ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

Land Registry Documents आवश्यक दस्तावेज़

ज़मीन रजिस्ट्रेशन के लिए निम्नलिखित दस्तावेज़ आवश्यक होते हैं:

  1. बिक्री पत्र (Sale Deed): यह दस्तावेज़ संपत्ति की बिक्री को प्रमाणित करता है।

  2. पहचान प्रमाण (Identity Proof): जैसे कि आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट, आदि।

  3. पते का प्रमाण (Address Proof): जैसे कि बिजली बिल, पानी बिल, आदि।

  4. स्टांप शुल्क भुगतान रसीद (Stamp Duty Payment Receipt): राज्य सरकार द्वारा निर्धारित शुल्क का भुगतान।

  5. गवाहों के हस्ताक्षर (Witness Signatures): रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में गवाहों की उपस्थिति आवश्यक होती है।


रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया

  1. दस्तावेज़ों की तैयारी: सभी आवश्यक दस्तावेज़ों को एकत्रित करें और सुनिश्चित करें कि वे पूर्ण और सही हैं।

  2. स्टांप शुल्क का भुगतान: राज्य सरकार द्वारा निर्धारित स्टांप शुल्क का भुगतान करें और रसीद प्राप्त करें।

  3. सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में प्रस्तुतिकरण: खरीदार, विक्रेता और दो गवाहों के साथ संबंधित सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में जाएं। वहाँ, सभी दस्तावेज़ों की जांच की जाएगी और बायोमेट्रिक सत्यापन किया जाएगा।

  4. रजिस्ट्रेशन और प्रमाणपत्र प्राप्ति: सभी प्रक्रियाएँ पूरी होने के बाद, रजिस्टर किए गए दस्तावेज़ की प्रमाणित प्रति प्राप्त करें।


ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया

हाल ही में, कई राज्यों ने ऑनलाइन ज़मीन रजिस्ट्रेशन की सुविधा शुरू की है, जिससे नागरिकों को घर बैठे ही रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी करने में सुविधा होती है। इस प्रक्रिया में निम्नलिखित कदम शामिल हैं:

  1. राज्य सरकार के भूमि रिकार्ड पोर्टल पर लॉगिन करें: जैसे कि महाराष्ट्र के लिए IGR Maharashtra

  2. आवेदन पत्र भरें: संपत्ति और पक्षकारों के विवरण के साथ आवेदन पत्र भरें।

  3. दस्तावेज़ अपलोड करें: आवश्यक दस्तावेज़ों की स्कैन की गई प्रतियाँ अपलोड करें।

  4. स्टांप शुल्क का ऑनलाइन भुगतान करें: निर्धारित शुल्क का भुगतान करें।

  5. सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में नियुक्ति बुक करें: दस्तावेज़ों की सत्यापन के लिए नियुक्ति लें।

  6. सत्यापन और रजिस्ट्रेशन: नियुक्ति के अनुसार सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में जाकर दस्तावेज़ों की सत्यापन कराएं और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी करें।


रजिस्ट्रेशन की समयसीमा और शुल्क

  • समयसीमा: बिक्री पत्र निष्पादित करने के बाद, रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को 4 महीने के भीतर पूरा करना आवश्यक है। विलंब होने पर, अतिरिक्त शुल्क लागू हो सकता है।

  • शुल्क: स्टांप शुल्क और रजिस्ट्रेशन शुल्क राज्य सरकार द्वारा निर्धारित होते हैं और संपत्ति की मूल्य पर आधारित होते हैं।


रजिस्ट्रेशन न करने के परिणाम

यदि संपत्ति का रजिस्ट्रेशन नहीं कराया जाता है, तो:

  • कानूनी विवाद: भविष्य में संपत्ति के स्वामित्व को लेकर विवाद उत्पन्न हो सकते हैं।

  • वित्तीय कठिनाइयाँ: बैंक से ऋण प्राप्त करने में कठिनाई हो सकती है।

  • संपत्ति की बिक्री में अड़चन: बिना रजिस्ट्रेशन के संपत्ति की बिक्री कानूनी रूप से मान्य नहीं होगी।


राज्यवार रजिस्ट्रेशन पोर्टल्स

राज्य पोर्टल लिंक
महाराष्ट्र IGR Maharashtra
उत्तर प्रदेश UP Land Records
बिहार Bihar Land Records
दिल्ली DORIS Delhi

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